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Convocation program


Posted on 25/03/2024

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल रोज़गार प्राप्त करना नहीं बल्कि विद्यार्थियों के छुपे हुए बहुमुखी हुनर को विकसित करना है : प्रो नरसीराम बिश्नोई भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नई शिक्षा पद्धति एक बड़ी संभावना : प्रो. डॉ. रमेश आर्य एक सेकंड के लिए भी आप अपने अंदर चल रहे गलत विचार का समर्थन न करें : प्रो. डॉ. रमेश आर्य आज दिनांक 22 मार्च 2024 को राजकीय महिला महाविद्यालय, हिसार का पांचवा दीक्षांत समारोह गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में आयोजित किया गया। यह दीक्षांत समारोह पूरे 10 वर्षों के बाद आयोजित गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रमेश आर्य ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से महाविद्यालय में किन्हीं कारणों से दीक्षांत समारोह नहीं हो पाया और इस वर्ष 22 मार्च को दीक्षांत समारोह, पुरस्कार वितरण समारोह और पूर्व छात्रा मिलन समारोह का एक साथ आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रो (डॉ) नरसीराम बिश्नोई, उप कुलपति, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। दीक्षांत समारोह के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रमेश आर्य, मुख्य अतिथि प्रो नरसीराम बिश्नोई और कॉलेज काउंसिल के सदस्यों ने दीप प्रज्ज्वलन करके मां सरस्वती को नमन किया । मंच संचालन की भूमिका में महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रो श्रीमती शाइना ने मुख्य अतिथि उप कुलपति, गणमान्य अतिथि एवं समस्त स्टाफ सदस्यों और छात्राओं का स्वागत किया। इसके पश्चात् प्राचार्य डॉ रमेश आर्य ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और अपने वक्तव्य में बताया कि विद्यार्थी की जीवन यात्रा में दीक्षांत समारोह का अवसर विशेष महत्व रखता है। उन्होंने महाविद्यालय की छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि माइंड, बॉडी और सोल इन तीनों में संतुलन का होना अति आवश्यक है जो हम योग और ध्यान के माध्यम से बनाने में सफल हो सकते हैं । प्राचार्य ने आगे कहा कि आशा के अनुरूप हम रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल रहे हैं एवं आशा की अनुरूप हम कौशल विकास के क्षेत्र में काम नहीं कर पाए यह सब लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति का परिणाम रहा है । हमारी वर्तमान की न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 में आशा की किरण दिखाई पड़ती है, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नई शिक्षा पद्धति एक बड़ी संभावना है । आज भारत को नितांत आवश्यकता है जो हमारे नवयुवकों को नशे पत्ते से दूर रख सके, अच्छे संस्कार स्थापित कर सके, रोजगार के अवसर पैदा कर सके, कौशल विकास से जोड़ सके, हमें रोजगार लेने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनना होगा । उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि वे एक सेकंड के लिए भी अपने अंदर चल रहे ग़लत विचार का समर्थन न करें । आज भारत को नौकरियों की नहीं बल्कि मालिकों की जरूरत है। इसके पश्चात महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर श्री सतीश सिंगला ने महाविद्यालय की वार्षिक प्रतिवेदन रिपोर्ट पढ़ी। मुख्य अतिथि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति डॉ नरसीराम बिश्नोई ने महाविद्यालय के समस्त स्टाफ सदस्यों एवं पूर्व छात्राओं को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम सभी को इस भव्य समारोह की बधाई दी और कहा कि आज के समय में लड़कियाँ किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है। जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण से ही हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। छात्राएं अलग तरीके से सोच अपना रास्ता स्वयं बनाएं और जीवन में सफल होकर अपना और अपने माता-पिता और देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल रोजगार प्राप्त करना नहीं है बल्कि विद्यार्थियों के छुपे हुए बहुमुखी हुनर को विकसित करना है। प्रो बिश्नोई ने छात्राओं को मेहनत करने एवं केवल अपने लक्ष्य निर्धारित कर उन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। अपने संदेश में उन्होंने छात्राओं को देश और समाज के लिए उपयोगी होकर जनमानस में अपनी जगह बनाने के लिए अभिप्रेरित किया। कुलपति महोदय ने पूर्व राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम जी की पंक्तियों को याद करते हुए कहा कि सपने वह नहीं होते जो हम सोते हुए देखते हैं, सपने वह होते हैं जो हमें सोने नहीं देते। छात्राएं सकारात्मक सोच अपना कर अपने समाज का और अपने देश का नाम रोशन करके विकसित भारत 2047 के सपने को साकार कर सकती हैं। दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों में विधिनायक की भूमिका डॉ एलिजा कुंडू , श्री सतीश सिंगला एवं डॉ नीलम कुमारी ने निभाई। कार्यक्रम में 600 से अधिक छात्राओं ने डिग्री प्राप्त की। इस समारोह में ग्रीन ड्रीम फाऊंडेशन एनजीओ द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर एक विस्तृत व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं को पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया गया। दीक्षांत समारोह के समापन के पश्चात चौ रणबीर सिंह सभागार में महाविद्यालय के तीसरे पूर्व छात्रा मिलन समारोह का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर एलुमनाई कमेटी के संयोजक डॉ विजेंद्र बेनीवाल ने महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रमेश आर्य ,मुख्य अतिथि प्रो नरसीराम बिश्नोई और अन्य सभी उपस्थित गणमान्य अतिथियों तथा सभी पूर्व छात्राओं का धन्यवाद किया। इसके पश्चात् प्राचार्य डॉ रमेश आर्य ने बताया कि ज्ञान पर आधारित अर्थव्यवस्था में कार्य कुशलता का सम्मान होता है। प्रभावशाली ढंग से संपूर्णता में कार्य को निष्पादित करने का सम्मान होता है कार्य संस्कृति को प्रभावशाली ढंग से अपनाने का सम्मान होता है। उच्च कोटि की शिक्षा व्यवस्था का सम्मान होता है जिसमें नई तकनीक व नवाचार पर आधारित परिवर्तनों को सहज रूप से स्वीकार कर लिया जाता है । इसके पश्चात् महाविद्यालय की कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय की पूर्व छात्राओं ने अपने-अपने अनुभव सभी के साथ साझा किए । उन्होंने बताया कि इस महाविद्यालय से पढ़कर उन्हें बहुत ही गौरवान्वित महसूस हो रहा है । हिसार जिले में हमारे महाविद्यालय जैसा दूसरा कोई कॉलेज नहीं है। यहां पर सभी छात्राओं के साथ शिक्षकों का व्यवहार माता-पिता जैसा रहता है और उन्हें निरंतर आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते रहते हैं। सभी छात्राओं में भारी उत्साह देखने को पाया गया । छात्राएं अपनी डिग्रियां पाकर बहुत खुश दिखाई दी। इस भव्य दिव्य दीक्षांत समारोह में महाविद्यालय की लगभग 200 से अधिक एनएसएस स्वयं सेविकाएं छात्रों ने अपनी अहम भूमिका निभाई और पूरे ऑडिटोरियम में अनुशासन का परिचय दिया। पुरस्कार वितरण समझ में महाविद्यालय की प्रथम वर्ष की सभी छात्राओं को शिक्षा, कला, खेलों आदि विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी कार्य करने पर महाविद्यालय की ओर से उन्हें प्रशस्ति पत्र व नकद पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया गया। अंत में राष्ट्रीय गान के साथ समारोह का समापन किया गया ।