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Slogan Writing and Poster Making Competition Organized by Eco Club


Posted on 22/11/2022

---स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए मनाया वर्ल्ड टॉयलेट डे--- पिछले कुछ सालों से विश्वभर में स्वच्छता पर काफी जोर दिया जा रहा है, जिसका सीधा संबंध टॉयलेट से है। बड़े शहरों और कस्बों में रहने वाले लोग बिना स्थाई टॉयलेट के जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है।फिर भी WHO की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में लगभग 36 करोड़ लोग टॉयलेट से वंचित हैं। क्या आप जानते हैं कि स्वच्छता के साथ किया समझोता हमारे खाने और पानी को दूषित करके समाज के बड़े तबके पर गम्भीर बीमारियों का कहर बरपा सकता है। हमारे जीवन में शौचालय और स्वच्छता के महत्व के बारे मे जागरूकता लाने के लिए ही हर साल 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस यानी वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है। इसी कड़ी में राजकीय महिला महाविद्यालय, हिसार के इको द्वारा क्लब आज दिनांक 19 नवंबर 2022 को वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया गया जिसके अंतर्गत स्लोगन राइटिंग व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का विषय WASH (Water, Sanitation & Hygiene) रखा गया जो जल, सफाई एवं स्वच्छता में सुधार लाने से संबंधित हैं।स्लोगन राइटिंग में मोनिका बीए ऑनर तृतीय वर्ष प्रथम, पूजा बीकॉम प्रथम वर्ष द्वितीय व आरती बीकॉम प्रथम वर्ष तृतीय रही तथा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में इसीता बीकॉम प्रथम वर्ष प्रथम, काजल बीए तृतीय वर्ष द्वितीय व संजना बीए ऑनर तृतीय वर्ष तृतीय रही। इस मौके पर डॉ किरण, इको क्लब अध्यक्ष ने छात्राओं को बताया की वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना और शौचालय से जुड़े मानव अधिकार को हर व्यक्ति तक पहुंचना है।इसके साथ ही दुनिया में स्वच्छता,स्वास्थ्य और सुरक्षा नीति का मजबूत करना और लोगों को खुले में शौच करने वाली महिलाओं के यौन शोषण को रोकना तथा लोगों को होने वाले संक्रमण और अस्वच्छता को रोकना है। इसी के साथ बताया की वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाने के लिए हर वर्ष एक अलग थीम रखी जाती है, इस वर्ष कि थीम " स्वच्छता और भूजल" है, यह विषय भूजल पर स्वच्छता संकट के प्रभाव पर केंद्रित है। इसके अलावा 2022 का अभियान है 'अदृश्य को दृश्यमान बनाना' (Making the Invisible visible) जो अपर्याप्त स्वच्छता प्रणाली के चलते मानव अपशिष्ट के नदियों, झीलों और मिट्टी में फैलने से भूमिगत जल संसाधनो के प्रदुषित होने पर केंद्रित है। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ आशा सहारण ने छात्राओं को सफाई और स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि महात्मा गाँधी जी स्वतंत्रा से ज्यादा स्वच्छता पर जोर देते थे। वे स्वच्छता को ही सेवा समझते थे। इस अवसर पर श्रीमती मंजू लता, श्रीमती कविता और श्रीमती ममता उपस्थित रहे। कुल 51 छात्राओं ने भाग लिया।